हमने अपने Hindi Grammar के पिछले आर्टिकल में कारक और वचन के बारे में पढ़ा था। आज के इस आर्टिकल में सर्वनाम (Sarvanam) के बारे में बताया गया हैं।
जिसमे आप सर्वनाम किसे कहते हैं, सर्वनाम के कितने प्रकार होते हैं और सभी प्रकारों का परिभाषा आदि के बारे में जान सकते हैं।
Sarvanam Kya Hai & Sarvanam ke kitne Bhed Hote Hain
सर्वनाम (Sarvanam) – संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को ‘सर्वनाम’ कहते हैं।
जैसे – मैं, हम, तुम, आप, वह, वे आदि सर्वनाम शब्द हैं। यदि हिंदी में ‘सर्वनाम’ नहीं होते, तो ‘संज्ञा’ शब्द को बार-बार दोहराना पड़ता, जिससे भाषा की ‘सुंदरता’ नष्ट हो जाती।
जैसे –
“रंजन को सभी शाबाशी देते हैं, क्योंकि रंजन पढ़ाई में बहुत होशियार है और रंजन अपने गुरुजनों का आदर करता है।”
इस वाक्य में तीन बार ‘रंजन’ शब्द को दुहराया गया है। बार-बार ‘संज्ञा’ शब्द के दुहराने से वाक्य की सुंदरता नष्ट हो गई है और वह अटपटा-सा लगता है। इसी वाक्य को ‘सर्वनाम’ का प्रयोग करते हुए इस प्रकार लिखा जा सकता है –
“रंजन को सभी शाबाशी देते हैं, क्योंकि वह पढ़ाई में बहुत होशियार है और वह अपने गुरुजनों का आदर करता है।”
इस तरह हम देखते हैं कि ‘सर्वनाम’ वाक्यों की सुंदरता को नष्ट होने से बचाता है। सर्वनाम के विभक्ति-चिन्ह प्रायः शब्द से सटे रहते हैं। जैसे – उसका, आपकी, सबको आदि।
Sarvanam ke kitne Bhed Hote Hain
हिंदी व्याकरण में सर्वनाम के 6 भेद होते हैं जो की निम्नलिखित हैं –
1 . पुरुषवाचक सर्वनाम
2 . निश्चयवाचक सर्वनाम
3 . अनिश्चयवाचक सर्वनाम
4 . सम्बन्धवाचक सर्वनाम
5 . प्रश्नवाचक सर्वनाम
6 . निजवाचक सर्वनाम
1 . पुरुषवाचक सर्वनाम –
जो सर्वनाम पुरुषवाचक या स्त्रीवाचक संज्ञाओं के नाम के बदले में आता है, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहा जाता हैं।
जैसे – मैं, हम, तुम, वह, वे आदि।
पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद होते हैं।
#. (क.) प्रथम (अन्य) पुरुष – प्रथम पुरुष को ‘अन्य पुरुष’ भी कहा जाता है। जिस ‘सर्वनाम’ का प्रयोग ऐसी ‘संज्ञा’ के लिए हो, जिसके विषय में बात की जा रही हो, किन्तु जो वहाँ उपस्थित न हो, ऐसे सर्वनाम को प्रथम पुरुष कहा जाता है।
जैसे – वह, वे, उसकी, उनकी, उसका आदि।
#. (ख.) मध्यम पुरुष – सुनने वाले के लिए जिस ‘सर्वनाम’ का प्रयोग किया जाता है, उसे मध्यम पुरुष कहते है।
जैसे – तुम, आप, तुम्हें, आपको आदि।
#. (ग.) उत्तम पुरुष – जिस ‘सर्वनाम’ का प्रयोग कहने या बोलने वाला अपने लिए करता है, उसे उत्तम पुरुष कहते हैं।
जैसे – मैं, हम, मेरा, मुझसे आदि।
2 . निश्चयवाचक सर्वनाम –
जिससे निश्चित व्यक्ति, वस्तु या भाव का बोध हो, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहा जाता हैं।
जैसे – यह, वह, ये, वे, आप आदि।
3 . अनिश्चयवाचक सर्वनाम –
जिससे किसी निश्चित व्यक्ति, वस्तु या भाव का बोध न हो, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहा जाता हैं।
जैसे – कोई, कुछ।
4 . सम्बन्धवाचक सर्वनाम –
जिस ‘सर्वनाम’ से वाक्य में आये ‘संज्ञा’ के साथ ‘सम्बन्ध’ स्थापित किया जाय, उसे सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहा जाता हैं।
जैसे – जो, सो, जौन, तीन।
5 . प्रश्नवाचक सर्वनाम –
जिस ‘सर्वनाम’ का प्रयोग ‘प्रश्न’ करने के लिए किया जाता है, उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहा जाता हैं।
जैसे – कौन, क्या।
6 . निजवाचक सर्वनाम –
जिस ‘सर्वनाम’ से स्वयं या निज ‘ का बोध हो, उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे – आप, स्वयं।
सर्वनाम की रूपावली (वचनों और कारकों के साथ)
1 . (क) पुरुषवाचक सर्वनाम, उत्तमपुरुष ‘मैं’ शब्द
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | मैं, मैंने | हम हमने |
कर्म | मुझे, मुझको | हमें, हमको |
करण | मुझसे, मेरे द्वारा | हमसे, हमारे द्वारा |
सम्प्रदान | मुझको, मेरे लिए | हमको, हमारे लिए |
अपादान | मुझसे | हमसे |
सम्बन्ध | मेरा, मेरी, मेरे | हमारा, हमारी, हमारे |
अधिकरण | मुझमें, मुझपर | हममें, हमपर |
(ख) पुरुषवाचक सर्वनाम, मध्यम पुरुष ‘तू’ शब्द
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | तू, तूने | तुम, तुमने |
कर्म | तुझे, तुझको | तुम्हें, तुमको |
करण | तुझसे, तेरे द्वारा | तुमसे, तुम्हारे द्वारा |
संप्रदान | तुझको, तेरे लिए | तुमको, तुम्हारे लिए |
अपादान | तुझसे | तुमसे |
संबंध | तेरा, तेरी, तेरे | तुम्हारा, तुम्हारी, तुम्हारे |
अधिकरण | तुझमें, तुझपर | तुममें, तुमपर |
(ग) पुरुषवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष ‘वह’ शब्द
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | वह, उसने | वे, उन्होंने |
कर्म | उसे, उसको | उन्हें, उनको |
करण | उससे, उसके द्वारा | उनसे, उनके द्वारा |
संप्रदान | उसको, उसे, उसके लिए | उनको, उन्हें, उनके लिए |
अपादान | उससे | उनसे |
संबंध | उसका, उसकी, उसके | उनका, उनकी, उनके |
अधिकरण | उसमें, उसपर | उनमें, उनपर |
(घ) आदरसूचक सर्वनाम ‘आप’ शब्द
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | आप, आपने | आपलोग, आपलोगों ने |
कर्म | आपको | आपलोगों को |
करण | आपसे, आपके द्वारा | आपलोगों से, आपलोगों के द्वारा |
संप्रदान | आपके लिए, आपको | आपलोगों के लिए |
अपादान | आपसे | आपलोगों से |
संबंध | आपका, के, की | आपलोगों का, के, की |
अधिकरण | आपमें, आपपर | आपलोगों में, आपलोगों पर |
2 . निश्चयवाचक सर्वनाम ‘यह’ शब्द
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | यह, इसने | यह, इनने, इन्होंने |
कर्म | इसको, इसे | इनको, इन्हें |
करण | इससे, इसके द्वारा | इनको, इनके द्वारा |
संप्रदान | इसको, इसे, इसके लिए | इनको, इन्हें, इनके लिए |
अपादान | इससे | इनसे |
संबंध | इसका, के, की | इनका, के, की |
अधिकरण | इसमें, इसपर | इनमें, इनपर |
3 . अनिश्चयवाचक सर्वनाम ‘कोई’ शब्द
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | कोई, किसी ने | कोई, किन्हीं ने |
कर्म | कोई, किसी को | किन्हीं को |
करण | किसी से | किन्हीं से |
संप्रदान | किसी को, के लिए | किन्हीं को, के लिए |
अपादान | किसी से | किन्हीं से |
संबंध | किसी का, के, की | किन्हीं का, के, की |
अधिकरण | किसी में, किसी पर | किन्हीं में, किन्हीं पर |
4 . संबंधवाचक सर्वनाम ‘जो’ शब्द
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | जो, जिसने | जो, जिन्होंने |
कर्म | जिसे, जिसको | जिन्हें, जिनको |
करण | जिससे | जिनसे |
संप्रदान | जिसे, जिसको, के लिए | जिन्हें, जिनको, के लिए |
अपादान | जिससे | जिनसे |
संबंध | जिसका, के, की | जिनका, के, की |
अधिकरण | जिसमें, जिसपर | जिनमें, जिनपर |
5 . प्रश्नवाचक सर्वनाम ‘कौन’ शब्द
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | कौन, किसने | कौन, किनने, किन्हों ने |
कर्म | किसको, किसे | किनको, किन्हें |
करण | किससे | किनसे |
संप्रदान | किसके लिए, किसको, किसे | किन के लिए, किनको, किन्हें |
अपादान | किससे | किनसे |
संबंध | किसका, के, की | किनका, के, की |
अधिकरण | किसमें, किसपर | किनमें, किनपर |
विशेष :
1 . सर्वनाम में संबोधन नहीं होता है।
2 . छठा सर्वनाम ‘निजवाचक’ ‘स्वयं’ मैंने’ पुरुषवाचक सर्वनाम की तरह होता हैं।
Final Thoughts –
आप यह हिंदी व्याकरण के भागों को भी पढ़े –
- व्याकरण | भाषा | वर्ण | स्वर वर्ण | व्यंजन वर्ण | शब्द | वाक्य | संधि | स्वर संधि | व्यंजन संधि | विसर्ग संधि | लिंग | वचन | कारक
- संज्ञा | सर्वनाम | विशेषण | क्रिया | काल | वाच्य | अव्यय | उपसर्ग | प्रत्यय | समास | विराम चिन्ह | रस-छंद-अलंकार